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सर्वेक्षण के अनुसार, 80% से अधिक महिलाओं की शिकायत है कि बसें उनके लिए सटॉप्स पर नहीं रुकतीं

Delhi: Over 80% of women complain buses don't stop for them at halts, says survey
नई दिल्ली: ग्रीनपीस इंडिया की मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक अध्ययन के दौरान सर्वेक्षण में शामिल लगभग 80.2% महिला बस उपयोगकर्ताओं ने बताया कि सार्वजनिक परिवहनकर्ता उनके लिए निर्दिष्ट स्टॉप पर नहीं रुकते हैं। जबकि 29% उत्तरदाताओं को ऐसे उदाहरणों का 'अक्सर' सामना करना पड़ा, 50.2% ने कहा कि उन्हें 'कभी-कभी' इसका अनुभव हुआ और 20.8% ने कहा कि उन्होंने ऐसे प्रकरण नहीं देखे हैं। इसके अलावा, 54.2% उत्तरदाताओं ने कहा कि उन्हें टिप्पणियों के जरिए निशाना बनाया गया और उन्हें ड्राइवरों...

लॉकडाउन के बाद नैनोकण उत्सर्जन में 35% की वृद्धि

'After lockdown, 35% rise in nanoparticle emissions'
नई दिल्ली: वैज्ञानिकों ने पाया है कि दिल्ली में कोविड लॉकडाउन में ढील के बाद, शहर की सड़क के किनारे नैनोकणों का उत्सर्जन, जो अति सूक्ष्म प्रदूषक हैं, 35% बढ़ गया। नैनोकण सूक्ष्म प्रदूषक होते हैं जो कणीय पदार्थ का लगभग 1/1000वाँ भाग होते हैं। उन्हें एन-95 मास्क द्वारा फ़िल्टर नहीं किया जा सकता है। दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (डीटीयू) के पर्यावरण इंजीनियरिंग विभाग और अहमदाबाद में भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला के अंतरिक्ष और वायुमंडलीय विज्ञान प्रभाग के वैज्ञानिकों ने दिल्ली में सड़क किनारे...

कैसे ये ऑन व्हील्स फोरेंसिक दिल्ली पुलिस को अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजने में मदद करते हैं

How these forensics on wheels help Delhi cops put cons behind bars
नई दिल्ली: अपराध स्थलों से साक्ष्य उठाने और उनका विश्लेषण करने में समय बचाने के लिए शुरू की गई मोबाइल फोरेंसिक वैन फरवरी में शामिल होने के बाद से अगस्त तक 25,000 से अधिक स्थानों का दौरा कर चुकी हैं। यह पुलिस के लिए जांच में वरदान साबित हुआ है। फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में आगे के विश्लेषण के लिए भेजने से पहले फोरेंसिक विशेषज्ञ वैन में ऑन-द-स्पॉट फोरेंसिक परीक्षण करने में सक्षम हैं। इस साल अगस्त तक जिन स्थानों का दौरा किया गया, वे घर में चोरी (10,492), सेंधमारी (4,164), बलात्कार और बाल यौन...

NH-66 मुंबई-गोवा राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारत के पहले राष्ट्रीय राजमार्ग स्टील स्लैग रोड खंड का उद्घाटन! इस अभूतपूर्व पर्यावरण-अनुकूल पहल के बारे में सब कुछ जानें

India’s first National Highway Steel Slag road section on NH-66 Mumbai-Goa National Highway inaugurated! Know all about this ground breaking eco-friendly initiative
स्रोत: द फाइनेंशियल एक्सप्रेस यूआरएल: https://www.financialexpress.com/business/roadways-india-gets-its-first-steel-slag-road-on-nh-66-mumbai-goa-national-highway-know-all-about-this-groundbreaking-eco-friendly-initiative-3364017/ निर्माण प्रक्रिया में रायगढ़ में JSW स्टील डॉल्वी संयंत्र में लगभग 80,000 टन CONARC स्टील स्लैग को संसाधित स्टील स्लैग समुच्चय में परिवर्तित करना शामिल था। NH-66 मुंबई-गोवा राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारत के पहले राष्ट्रीय राजमार्ग स्टील स्लैग रोड खंड का उद्घाटन! एक...

NH- 66 मुंबई-गोवा राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारत के पहले राष्ट्रीय राजमार्ग स्टील स्लैग रोड खंड का उद्घाटन किया गया

India’s First National Highway Steel Slag Road section on NH- 66 Mumbai-Goa National Highway inaugurated
स्रोत: पीआईबी यूआरएल: https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1995906 सीएसआईआर-सीआरआरआई की स्टील स्लैग रोड टेक्नोलॉजी देश में मजबूत और पर्यावरण-अनुकूल राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का मार्ग प्रशस्त कर रही है: डॉ. वी.के. सरस्वत डॉ. वी.के. सारस्वत, सदस्य (एस एंड टी), नीति आयोग ने आज एनएच- 66 मुंबई-गोवा राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारत के पहले राष्ट्रीय राजमार्ग स्टील स्लैग रोड खंड का उद्घाटन किया। डॉ. सारस्वत ने कहा कि सीएसआईआर-केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-सीआरआरआई) द्वारा विकसित...

CSIR-CRRI की स्टील स्लैग रोड टेक्नोलॉजी को जर्मनी में मिला ग्‍लोबल अवार्ड

CSIR-CRRI की स्टील स्लैग रोड टेक्नोलॉजी को जर्मनी में मिला ग्‍लोबल अवार्ड
नई दिल्‍ली. सीएसआईआर- केंद्रीय सड़क अनुसन्धान संस्थान, दिल्ली स्टील स्लैग रोड टेक्नोलॉजी को जर्मनी का प्रतिष्ठित अवार्ड मिला है. ग्‍लोबल स्‍लैग पर्सनालिटी ऑफ द इयर अवार्ड 2023 प्रधान साइंटिस्ट सतीश पांडेय को जर्मनी में दिया गया. वो इस वैश्विक सम्मान को प्राप्त करने वाले प्रथम भारतीय साइंटिस्ट हैं. यह सम्मान वर्ष 2007 से प्रतिवर्ष, स्टील इंडस्ट्रीज में सॉलिड वेस्ट के रूप में उत्पन्न होने वाले आयरन एंड स्टील स्लैग के पर्यावरण अनुकूल उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किये...

देश की पहली स्टील कचरे से बनी सड़क का नीति आयोग के सदस्य ने किया निरीक्षण

Source: NDTV India URL: https://ndtv.in/india/niti-aayog-member-inspected-the-countrys-first-road-made-of-steel-waste-3055632   देश के अलग-अलग स्टील प्लांटों (Steel Plants) हर साल करीब 20 मिलियन (2 करोड़) टन स्टील का कचरा निकलता है. 2030 यह बढ़कर 45 मिलियन टन हो जाएगा. आज हालात यह हैं कि स्टील प्लांटों में स्टील के कचरे के पहाड़ बन गए हैं. इससे पर्यावरण (Environment) को बड़ा खतरा है. सूरत: गुजरात (Gujarat) में देश की पहली स्टील कचरे (Steel Waste) से बनकर सड़क तैयार है. इस...

अब स्टील स्लैग से बनेंगे रनवे, देश की पहली स्‍टील स्लैग रोड की गुणवत्ता देख नीति आयोग ने की घोषणा

अब स्टील स्लैग से बनेंगे रनवे, देश की पहली स्‍टील स्लैग रोड की गुणवत्ता देख नीति आयोग ने की घोषणा
Source: News 18 URL: https://hindi.news18.com/news/nation/now-the-airport-runways-will-be-made-of-steel-slag-niti-aayog-big-announcement-know-full-details-here-4310471.html सूरत/नई दिल्ली. देश में अब स्टील स्लैग से रनवे बनाए जाएंगे. इसके अलावा रेलवे ट्रैक पर एग्रीगेट बैलास्ट के रूप में भी इसका इस्तेमाल किए जाएगा. यह घोषणा नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके सारस्वत ने शुक्रवार को गुजरात के सूरत में की. वो सूरत के हजीरा में देश की पहली 100 फ़ीसदी स्टील स्लैग से बनी रोड की गुणवत्ता का...

भारत की पहली 'स्टील सड़क', 6 लेन का 1 KM लंबा बनाया गया रोड

भारत की पहली 'स्टील सड़क', 6 लेन का 1 KM लंबा बनाया गया रोड
Source: WEBDUNIA URL: https://hindi.webdunia.com/auto-mobile-news/gujarat-gets-india-s-first-steel-road-could-be-a-gamechanger-122032600085_1.html देशभर में विभिन्न संयंत्रों द्वारा उत्पादित 19 मिलियन टन स्टील अपशिष्ट जो आमतौर पर कचरे में चला जाता है। इसके चलते देश में कई जगहों पर स्टील के कचरे के पहाड़ बन गए हैं। अब वैज्ञानिकों ने इसका हल निकाल लिया है। स्टील प्लान से निकलने वाले इस कचरे से सड़के बनाई जा रही है। इन सड़कों को स्टील स्‍लैग रोड कहा जाता है। जो न सिर्फ आमतौर पर...

गुजरात में बनाई गई भारत की पहली 'स्टील सड़क', सूरत में बनी 6 लेन की 1 KM लंबी रोड

Source : NDTV India URL: https://ndtv.in/india-news/gujarat-hindi-news-1-kilometer-long-6-lane-highway-made-with-steel-waste-in-surat-2844978   हर साल देश के अलग स्टील प्लांटों से 19 मिलियन टन कचरा निकलता है, एक अनुमान के मुताबिक 2030 में ये 50 मिलियन टन हो जाएगा. नई दिल्ली: देश में अलग-अलग स्टील प्लांट से हर साल 19 मिलियन टन स्टील का कचरा निकलता है. हालात ये हैं कि स्टील प्लांटों में कचरे के पहाड़ बन गए हैं. लेकिन अब इसी स्टील कचरे से सड़के बनेगीं. कई सालों की रिसर्च...

देश में पहली बार बनी पूरी स्‍टील की तारकोल रोड, जानें कहां और कैसी है यह रोड?

देश में पहली बार बनी पूरी स्‍टील की तारकोल रोड
Newspaper:  News 18 Souce Link: https://hindi.news18.com/news/business/first-steel-road-in-country-complete-delsp-4064687.html नई दिल्‍ली. देश में स्‍टील स्‍लैग रोड (Steel Road). पत्‍थर, गिट्टी और तारकोल सब के बदले स्‍टील (Steel), यह सुनकर हर कोई चौंक सकता है, लेकिन यह सच हुआ है, देश की पहली पूरी स्‍टील स्‍लैग की रोड बनकर तैयार हो गई है, जो अधिक मजबूत है. इतना ही नहीं, इसकी लागत भी सामान्‍य रोड  के मुकाबले 30 फीसदी तक कम है. यह रोड गुजरात के सूरत में बनाई गई है. सड़क...

प्लास्टिक कचरे से बनेंगी दिल्ली की सड़कें

प्लास्टिक कचरे से बनेंगी दिल्ली की सड़कें
न्यूज़पेपर - नवोदय टाइम्स  दिनांक  - नई दिल्ली, गुरुवार, 5 सितम्बर 2019 सोर्स लिंक:  http://epaper.navodayatimes.in/2314726/Navodaya-Times-Main/Navodaya-Times-Main#page/6/2  

अध्ययन में खुलासा: दिल्ली-NCR की खराब सड़कें काट रहीं आपकी जेब

अध्ययन में खुलासा: दिल्ली-NCR की खराब सड़कें काट रहीं आपकी जेब
दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) की खराब सड़कें आपकी जेब काट रही हैं। इन सड़कों पर गाड़ी चलाने में प्रति किलोमीटर एक रुपये अतिरिक्त खर्च करने पड़ रहे हैं। पीसीआरए और सीआरआरआई की ओर से किए अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान संघ (PCRA) और केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CRRI) की ओर से सड़कों पर पेट्रोल की खपत को लेकर किए अध्ययन में पता चला है कि खराब सड़कों के चलते ईंधन की खपत बढ़ जाती है। अगर केवल सड़कों की गुणवत्ता को सुधार लिया जाए तो हर किलोमीटर पर प्रत्येक गाड़ी एक...

ऑटोमेटेड सर्वे से जांचेंगे सड़क की गुणवत्ता

अखबार: जागरण तारीख: 24 May 2017 स्रोत लिंक: http://m.jagran.com/uttarakhand/haridwar-16079640.html सीएसआइआर-केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआइ) के वैज्ञानिकों की टीम सड़कों की गुणवत्ता का सर्वे करने के लिए मंगलवार को दिल्ली से रुड़की पहुंची। टीम की ओर से देहरादून तक सर्वे का कार्य किया जाएगा। सीआरआरआइ के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रवींद्र कुमार ने बताया कि ऑटोमेटेड रोड सर्वे सिस्टम के जरिये उनकी टीम सड़कों की गुणवत्ता के सर्वे का कार्य कर रही है। इसके तहत वाहन के आगे लेजर...

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