गलगोटियास विश्वविद्यालय के सहयोग से वस्त्र मंत्रालय के अंतर्गत एनटीटीएम और सीएसआईआर-केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित "सड़क अवसंरचना परियोजनाओं में जियो-सिंथेटिक्स के अनुप्रयोग" पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम।
कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत एनटीटीएम, वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के स्नातक छात्रों के लिए सीएसआईआर-सीआरआरआई ने गलगोटियास विश्वविद्यालय के सहयोग से 7 अप्रैल 2025 से 11 अप्रैल 2025 तक पहला पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संयुक्त रूप से आयोजित किया है। प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत 7 अप्रैल 2025 को गलगोटियास विश्वविद्यालय में आयोजित उद्घाटन समारोह के साथ हुई। सीएसआईआर-सीआरआरआई के निदेशक प्रो. मनोरंजन परिड़ा ने विश्वविद्यालय में छात्रों को एक प्रेरक संबोधन के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में प्रो. मनोरंजन परिड़ा ने सड़क अवसंरचना के स्थायित्व, स्थिरता और लागत-प्रभावशीलता को बढ़ाने में जियो-सिंथेटिक्स के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों को उद्योग-प्रासंगिक कौशल से युक्त करने और उन्हें वास्तविक दुनिया की बुनियादी ढांचा चुनौतियों के लिए तैयार करने में इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। सीएसआईआर-सीआरआरआई के मुख्य वैज्ञानिक और परियोजना प्रमुख डॉ. पी.एस. प्रसाद ने सीआरआरआई के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक और कार्यक्रम समन्वयक डॉ. ए.के. सिन्हा के साथ मिलकर गलगोटियास विश्वविद्यालय के कार्यक्रम समन्वयकों प्रो. डॉ. दीपक कुमार सोनी, विभागाध्यक्ष, सिविल विभाग और श्री जगन, सहायक प्रोफेसर, सिविल विभाग के सहयोग से पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन और देखरेख की। उद्घाटन समारोह में गलगोटियास विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. के. मल्लिकार्जुन बाबू ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया। अपने भाषण में डॉ. बाबू ने सीएसआईआर-सीआरआरआई द्वारा पेश किए गए प्रशिक्षण कार्यक्रमों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि संस्थान की प्रसिद्ध विशेषज्ञता और अनुभव गलगोटियास विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए उनके करियर की शुरुआत में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। सीएसआईआर-मानव संसाधन विकास केंद्र, गाजियाबाद के प्रमुख डॉ. टी.एस. राणा (विशिष्ट अतिथि) ने छात्रों को संबोधित किया और सीएसआईआर द्वारा आयोजित विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों और मानव संसाधन विकास गतिविधियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कैसे ये पहल सीएसआईआर समुदाय और शैक्षणिक संस्थानों के भीतर कई वैज्ञानिक और तकनीकी डोमेन में एक मजबूत ज्ञान का आधार बनाने में योगदान करती हैं। मुख्य वैज्ञानिक और आईएलटी प्रभाग के प्रमुख डॉ. के. रविंदर ने अपने उद्घाटन भाषण के एक हिस्से के रूप में सीएसआईआर-सीआरआरआई के भीतर परिवहन और सड़क क्षेत्रों में ज्ञान को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से विविध प्रशिक्षण गतिविधियों और कौशल विकास पहलों का अवलोकन प्रदान किया। जीटीई प्रभाग के प्रमुख और मुख्य वैज्ञानिक डॉ. कंवर सिंह ने भी भू-तकनीकी इंजीनियरिंग के क्षेत्र में व्यापक गतिविधियों पर चर्चा की। आरंभ में, मुख्य वैज्ञानिक और परियोजना प्रमुख डॉ. पी.एस. प्रसाद ने पाठ्यक्रम में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए मंत्रालय के उद्देश्यों के साथ इसे संरेखित करते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम के अधिदेश और पाठ्यक्रम संरचना को समझाया। उन्होंने सड़क और परिवहन क्षेत्रों में इसके व्यावहारिक अनुप्रयोग को देखते हुए तकनीकी टेक्सटाइल्स के साथ जियोसिंथेटिक्स की अवधारणा को रेखांकित किया। पांच दिवसीय पाठ्यक्रम का उद्देश्य लक्षित छात्रों के लिए प्रबलित मृदा संरचनाओं, कुट्टिम स्थिरीकरण, जल निकासी समाधान और सड़क बुनियादी ढांचे परियोजनाओं में जियो-सिंथेटिक्स के व्यावहारिक अनुप्रयोगों जैसे विषयों को समाहित करना था। इस कार्यक्रम में तकनीकी सत्र, व्यावहारिक प्रशिक्षण और प्रमुख वैज्ञानिकों तथा उद्योग के नेतृत्व में अगले पाँच दिनों के लिए विशेषज्ञ चर्चाएँ, छात्रों के साथ संदेह निवारण सत्र और विषय में निर्धारण मूल्यांकन शामिल हैं, जो तकनीकी टेक्सटाइल में प्रतिभागी के कौशल विकास और प्रशिक्षण के सामान्य दिशानिर्देशों के अधिदेश को प्राप्त करने के लिए है।